गुरु पर्व के अवसर पर मुंगेली में सतनामी समाज द्वारा भव्य शोभायात्रा निकाली गई...

 

मुंगेली/छत्तीसगढ़ - मुंगेली छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज के द्वारा 1 दिसंबर को प्रदेश स्तरीय शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया जिसमें  सतनामी समाज के आन बान शान गुरुजनों की उपस्थिति रही शोभायात्रा लोगों को एकता और अखंडता का प्रचार देते हुए भाईचारा का भावना पैदा करने के लिए यह शोभायात्रा निकाली गई, आपको बता दे की परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा जी का 18 दिसंबर 1756 में गिरौदपुरी धाम में जन्म हुआ, जिसकी उपलक्ष में सतनामी समाज के द्वारा हर वर्ष 1 दिसंबर को शोभायात्रा गुरु पर्व के रूप में अब प्रदेश स्तरीय पर इसका शुभारंभ किया गया है, गांव, शहर, नगर में शोभायात्रा निकाला जाएगा, राजागुरु, धर्मगुरु, गुरु बालदास जी ने बताया कि 1 दिसंबर से लेकर 17 दिसंबर तक पूरे भारत में गुरु पर्व शोभायात्रा निकाला जाएगा इसके बाद 18 तारीख को सतनामी समाज के आन बान शान चिन्हारी स्वेत का प्रतीक जैत स्तंभ पर पालो चढ़ाएंगे यह कार्य 31 दिसंबर तक पूरे भारतवर्ष में किया जाएगा इसी कड़ी में मुंगेली वासियों ने 1 दिसंबर को बहुत बड़ी जनसंख्या में शोभा यात्रा निकालकर नगर भ्रमण करते हुए मंडी प्रांगण में गुरुजनों के द्वारा ज्योति प्रज्वल कर बाबा जी के बताए संदेश उपदेशों के बारे में लोगों के बीच उनकी बातों को रखते हुए मानव मानव एक समान का नारा, बाबा जी के उपदेशों को लोगों ने ग्रहण करते हुए भारतीय अखिल सतनाम सेना में भारी संख्या में लोगों ने भागीदारी रखा तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य नागरिक को श्रीफल बाबा जी का प्रतीक चिन्ह श्वेत गमछे से भेंटकर, आए हुए पत्रकार साथियों का प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया गुरु पर्व में ऐसा लग रहा था कि मानो परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा जी मुंगेली के पावन धारा में आ गए है, लोगों का भीड़ देख मुंगेली वासी आश्चर्यचकित हो गए थे, आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब जी प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय सतनाम सेना, गुरु जी ने बताया कि भंडारपुरी में स्थित मोती महल इसके निर्माण के लिए साढे 18 करोड रुपए दिया गया है बहुत जल्द मोती महल को देखने के लिए दूर-दूर से दर्शनार्थी आएंगे हमारा अधूरा सपना धीरे-धीरे अब पूरा होते दिख रहा है।

राजागुरु धर्मगुरु गुरु बालदास ने अपने उद्बोधन में समाज को नई दिशा, नई सोच के साथ शिक्षा की ओर बढ़ाने का प्रेरणा दिया, और गुरु जी ने श्वेत के प्रतीक का स्थापना के बारे में उनकी विधि के प्रारूप को समाज को बताते हुए कहा कि चार कोन की चबूतरा, एक सराई की लकड़ी जिसमें पांच हाथ का डंडा जिसमें श्वेत के प्रतीक सादा झंडा फहराया जाता हैं, यही हमारे समाज का प्रतीक चिन्ह है, इससे लोगों को यह प्रेरणा मिलता है कि हम सत्य मार्ग में चलने वाले लोग हैं, हमारे मन में कभी किसी के प्रति आक्रोश, मतभेद, छुआछूत जैसी कुरुंतिया नहीं होता है।

इसी प्रकार माननीय मुंगेली विधायक मोहले जी ने समाज को बाबा जी के मार्गदर्शन में चलने के लिए प्रेरणा दिया अखंड भारत की बुलंद आवाज में मानव समाज को एक नई मुकाम की ओर बढ़ाने के लिए एक नई दिशा के साथ आगे आने का जरूरत है, जिससे हमारा समाज आगे बढ़ेगा साथ-साथ आने वाले हमारी पीढ़ी में एक नई उमंग और जोश देखने को मिलेगा। जय सतनाम ,जय संविधान, जय भारत, जय छत्तीसगढ़।

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