मुंगेली जिले में प्रशासनिक पद पर बैठे अधिकारी होंगे बेनकाब, देखें खबर क्या है मामला।


दिनाँक//27/07/2023 मुंगेली- मुंगेली राज्य व केंद्र में बैठे सरकारों के द्वारा अपने-अपने नीति योजनाओं से ग्रामीणों के हितों में कार्य करते चले आ रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत देखने पर जिला में बैठे प्रशासनिक पद पर अधिकारी मौन नजर आ रहे हैं लोगों के द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर के कार्यालय पहुंचते हैं तो उनको झूठी दिलासा दे दिया जा रहा है जिससे लोगों में सरकार के ऊपर विश्वास उठता नजर आ रहा है दरअसल मामला ग्राम पंचायत दाबो का आश्रित ग्राम बहरपुर का है मामला जहां रहने वाले ग्रामीण अपने मूलभूत सुविधा से वंचित हैं और अपनी समस्या को लेकर निरंतर शासन-प्रशासन एवं जिला में बैठे संबंधित अधिकारियों का चक्कर लगाने को मजबूर है। ना तो गांव में सड़क निर्माण का कार्य हुआ है। और ना ही नाली का निर्माण हुआ है जिससे पूरा बरसात की पानी रोड पर जमा हो जाता है और रोड में जमा होने पर लोगों के घरों तक पहुंच जाता है। जिससे उनको भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिसको लेकर के दिन मंगलवार कलेक्टर जनदर्शन पहुंचे इसके पूर्व में कलेक्टर महोदय को आवेदन दिया जा चुका है। ऐसा ग्रामीणों का कहना है जिसकी प्रतिक्रिया अभी तक कुछ नजर देखने को नहीं मिला है। मंगलवार को स्कूली बच्चों के द्वारा जनदर्शन कार्यालय पहुंचे थे जिसमें छठवीं से लेकर के 12वीं तक के विद्यार्थी अपने गांव की समस्या को लेकर के कलेक्टर साहब के पास गए हुए थे इसी दौरान मुंगेली तहसीलदार के द्वारा बच्चों को डराने चमकाने धमकाने का काम किया गया जिससे बच्चे भयभीत हो गए थे लेकिन बच्चों के द्वारा तहसीलदार को उनका जवाब उनके ही भाषा में तहसीलदार को दिए और कहा अगर आप तहसीलदार हैं तो हमारे गांव का समस्या का निराकरण क्यों नहीं करा सकते हमारी समस्या का समाधान क्यों नहीं हो सकता हम अपना स्कूल जाते हैं।

तो हमें अपना चप्पल जूता उठाकर खुले नंगे पैर जाना पड़ता है और गांव में एक दो बच्चे का फिसल कर गिर जाने से हाथ फैक्चर भी हो चुका है। हमारी समस्या का निराकरण आप कराइए ऐसा कहते हुए बच्चों के द्वारा जनदर्शन कार्यालय में सड़क निर्माण का आवेदन दिया गया। अब देखना यह होगा कि उस गांव में क्या प्रशासनिक पद पर बैठे अधिकारी निरीक्षण के लिए जाते हैं या नहीं उनका दुखड़ा सुनते हैं या नहीं उनकी समस्या का निराकरण करते हैं या नहीं यह तो देखने वाली बात है क्या शासन के चलाए गए योजनाओं के तहत उन ग्रामीणों को न्याय मिल पाता है कि नहीं या प्रशासनिक पद पर बैठे अधिकारी के कानों में जूं तक नहीं चलेगी अब यह सोचने वाली बात रह गई है। और गांव में जाकर के मीडिया कर्मियों के द्वारा निरीक्षण किया गया तो पता चला कि गांव का स्थिति बहुत दयनीय है वहां बनी स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटके नजर दिख रहे हैं ग्रामीणों से पूछने पर ग्रामीणों ने कहा कि यह जब से मकान बनी है हमें डिलीवरी कराने के लिए मुंगेली या सेतगंगा ले जाना पड़ता है और रोड नहीं होने के कारण से हमारे गांव में एंबुलेंस भी नहीं आता सरकार का योजना में बना इतना बड़ा भवन हमारे लिए कोई काम का नहीं है इस संदर्भ को लेकर के सरपंच सचिव को भी अवगत कराया गया लेकिन उनके कानों में भी जूं तक नहीं चल रही है और ना ही हमारी बातों को शासन प्रशासन तक ले जाने का काम भी नहीं कर रहा है। और नहीं गांव का सड़क निर्माण नाली निर्माण का भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यह मात्र स्वास्थ्य केंद्र टीकाकरण के दिन ही खुलता है। और टीकाकरण करने के बाद फिर इसमें ताला लगा दिया जाता है यहां की नर्स का कोई अता पता नहीं रहता है । आज तक हम कभी देखें भी नही है।

ऐसा ग्रामीणों का कहना है सरकार के महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत जमीनी हकीकत में लोगों की सुविधाओं के अनुसार बनाए गए इस योजना का लोगों को लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है जिससे लोगों में बहुत दुख व्यक्त करते देखने को मिला और ग्रामीणों ने कहा कि हमारी गांव की समस्या का निराकरण अगर शासन प्रशासन के द्वारा नहीं कराया जाता है तो हम इस वर्ष का विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे ग्रामीणों ने कहा कि हमें नहीं चाहिए ऐसा शासन सत्ता सरकार जो हमारी दुखड़ा तक नहीं सुन रहे और ना हमारी गांव की समस्या को देखने के लिए नहीं आ रहे हैं हम चुनाव ही नहीं कराएंगे अपने गांव की और ना हमें सरकार की आवश्यकता है देखना यह होगा की खबर प्रकाशन के बाद जिला में बैठे संबंधित अधिकारी क्या गांव का जायजा करने के लिए आते हैं। या नहीं अब देखने वाली बात हो गई है।

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