दैनिक जन अवाम/पीताम्बर कुमार/संपादक
छत्तीसगढ़- छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति उत्थान संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार सतनामी का काहेना है कि सतनामी समाज के साथ अन्याय ,अत्याचार ,शोषण होता आ रहा है और शासन - प्रशासन द्वारा सतनामी समाज के गला को काटने की काम किया जा रहा है, वहीं अनुसूचित जाति अनुक्रमांक में 14 नंबर में चमार शब्द लिखकर सतनामी को गाली देने शब्द लिखा है, जो निंदनीय है
छत्तीसगढ़ राज्य एवं अन्य राज्यों में निवासरत सतनामी ,सूर्यवंशी एवं रामनवमी को अनुक्रमांक 14 से चमार श्रेणी में रखा गया है जो अपमानित गाली शब्द है अनु क्रमांक 14 से सतनामी , रामनवमी सूर्यवंशी को हटा करके अलग कॉलम बनाने के लिए प्रदेशध्यक्ष राजकुमार सतनामी के द्वारा इन मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया वही छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति उत्थान संघ प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य एवं अन्य राज्यों में निवासरत सतनामी ,सूर्यवंशी एवं रामनवमी को अनुक्रमांक क्रमांक 14 में चमार की श्रेणी में रखा गया है जो अपमानित शब्द है जबकि उक़ जाति के लोगों ने कभी जानवर काटने या उससे चमड़े निकालने का कार्य नहीं किया है ,इनके पूरी पूर्वज भी कभी उक्त कार्यों में लिप्त नहीं थे फतेह गाली के रूप में प्रयुक्त चमार शब्द से संबोधित करना या लिखना निंदनीय है ब्रिटिश काल में भी उक्त शब्द के लिए सतनामी समाज के गुरुराज मंहतो के द्वारा अंग्रेज गवर्नर बटलर से आगरा किया गया था जिस पर उक्त शब्द को विलुप्त किया गया था परम पूज्य गुरु घासीदास जी के सतनाम पंथ के अनुयाई सतनामी हुए और सत मार्ग पर चलना सात्विक भोजन करना अहिंसक करना अपना धर्म मानते हैं
सतनाम योग का इतिहास देखा जाए तो या लोग मूलतः वर्तमान में नारनौल हरियाणा के निवासी थे जो विभिन्न कार्यों में संलग्न थे लेकिन औरंगजेब इनका धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनाना चाहता था जिसके लिए उन्होंने सैन्य बल का प्रयोग किया विरोध में प्रथम बार सतनामी विजई रहे कुछ समय पश्चात पुनः युद्ध में सतनामीयों की हार हुई और यह विभिन्न प्रांतों में पलायन कर गए छत्तीसगढ़ में बाबा गुरु घासीदास जी सतनाम के प्रवर्तक हुए और उनके अनुयाई सतनामी कहलाए इनके उपदेशों और कार्यों से प्रभावित हो छत्तीसगढ़ के विभिन्न जाति धर्म के लोग अनुयाई हुए जिन्हें सतनामी जाति व सतनाम धर्म के रूप में माना गया है वही राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन वह धर्म गुरुओं केबिनेट मंत्री रूद्र कुमार जी को ज्ञापन सोते हुए कहा .समाज की मांग को ध्यान में रखकर अनुक्रमांक 14 से विलोपित कर सतनामी को अलग सूची में रखने कि बात करते हुए एक नय अनुक्रमांक में दर्ज किया जाए जिससे उक्त समाज अपने आपको गौरवान्वित महसूस करेग।
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