मुंगेली कलेक्ट्रेट परिसर बना कूड़ा दान स्वच्छता देखने को नहीं मिल रही है कोरोना महामारी की तीसरी लहर को दे रहे है न्योता।

December/07/2021

Mungeli /JanAvaam/पीताम्बर खांडे/संपादक

रिपोर्टर - मुंगेली ब्लॉक से फलित जांगड़े


मुगेली 07 दिसम्बर 2021 //
एक तरफ देखा जाए तो पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है केन्द्र व राज्य के सहभागिता से स्वच्छता से जुड़ी सैकड़ो योजनाए चलाए जा रहे है जिसकी लागत वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए, 36,465 करोड़ रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ एसबीएम-यू 2.0 के लिए कुल 1,41,600 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय तय किया गया है, जो मिशन के पिछले चरण के 62,009 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय से 2.5 गुना ज्यादा है 

और वही एक तरफ छत्तीसगढ प्रदेश अपने आप को स्वच्छता अभियान मे नंबर वन बताने मे लगी हुई है तो वही दुसरी तरफ इन जन कल्याणकारी योजनाओ व केंद्र के आदेशो को ताक पर रखकर मुंगेली जिले के मुख्यालय पर बैठे कुछ विभाग के आला अधिकारी अपने हरकतो से बाज नही आते यह बताते हुए लाजमिय होगा कि शिक्षा विभाग के गुप्त कक्ष के आगे नव निर्माण खनिज सन्यास कार्यालय के कोने पर विभागीय कागजी कुडा करकटो का ढेर लगा हुआ है वही श्रम विभाग के कर्मचारियो ने तो स्वच्छता की धज्या ही उड़ा दी आवक जावक कमरे के खिड़की के बाहर छत पर ही देखा जाए तो पान गुटखा खाकर जमकर थुक मचाई है आपको बता दे कि प्रत्येक विभाग के खिड़की के बाहर देखा जाए तो पान गुटखा खाकर थूकने मे अधिकारी कर्मचारियो ने कोई कसर नही छोड़ी है और वही मुख्यालय मे सफाई कर्मियो की बात किया जाय तो सूची पे दर्जनो मिल जाएंगे मगर विभागीय आफिस के सामने गिरे डस्टबिन को उठाने मे एक भी नजर नही आता और वही यहा के एकाधिक सौचालय के बारे मे बात किया जाए तो मानो बदबू का अंबार लगा हुआ है यहा आगंतुक कमरे से लेकर मनियारी कक्ष, पुलिस अधीक्षक कक्ष तक एक भी सौचालय ऐसा नही के दो मिनट वहा रूका जाए चारो तरफ देखा जाए तो गंदगी पसरा हुआ है

और वही जिले के दंडाधिकारी की बात किया जाय तो मानो बेखबर है ऐसा मानो के किसी बड़ी महामारी या कोरोना की तीसरी लहर का इंतजार हो अब जब जिला मुख्यालय का यह हाल है तो शहरी क्षेत्रो के चौक चौराहो गली मोहल्लो का क्या हाल होगा आखिर कब बदलेगी तस्वीर बदहाल ए जिला मुंगेली आखिर कब स्वच्छ होगा मुंगेली आखिर कौन जिम्मेदार होगा तीसरी लहर का आखिर कब हटेगा कुड़ा करकटो का ढेर आखिर कब सुध लेंगे यहा के आलाधिकारी

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